हमार माटी हमर खेल के इस विशेष अंश में आज हम छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल फुगड़ी के बारे में जानेंगे।
विगत वर्षों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत की जिसमें एक खेल फुगड़ी भी शामिल है। यह खेल छत्तीसगढ़ के बच्चों से लेकर बूढ़ों तक अत्यंत लोकप्रिय रहा है तथा छत्तीसगढ़ के लोगों को मनोरंजन के रूप में अपनी परंपरा को भी दर्शाने का एक विशेष माध्यम है।
खेल के नियम : फुगड़ी खेलने के लिए चार या चार से अधिक व्यक्ति एक समतल मैदान में गोल घेरे में बैठते हैं इसके साथ ही थोड़ी दूर में दो निर्णायक व्यक्ति होते हैं जो स्टॉप वॉच की सहायता से परिणाम जारी करने के लिए तत्पर रहते हैं।
सर्वप्रथम फुगड़ी खेलने वाले खिलाड़ी अपनी पंजों के सहायता से समतल जमीन पर बैठते हैं तथा दाहिना पैर आगे की ओर करते हैं एवं उसके साथ ही बाया हाथ आगे की ओर करते हैं इसके बाद तुरंत ही उछलते हुए बाया पैर आगे करते हैं एवं दाहिना हाथ आगे करते हैं इस प्रक्रिया को बार-बार किया जाता है निर्णायक गण इस पर नजर बनाए रहते हैं तथा देखते हैं कि किसी प्रतिभागी ने ज्यादा समय तक पकड़ी किया तथा विजेता घोषित करते हैं।
आईए जानते हैं इस खेल के फायदे
सबसे पहले तो या खेल छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का हिस्सा है जिसे खेलने वाले को राज्य स्तरीय स्तर पर अपनी को दिखाने का मौका मिलता है वहीं दूसरी ओर पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है फुगड़ी खेलने से घुटनों तथा रीड की हड्डी मजबूत रहती है इसके साथ ही हाथों का भी व्यायाम हो जाता है साथ ही साथ फेफड़ों के लिए भी फायदेमंद है।